A REVIEW OF RISTE SHAYARI

A Review Of riste shayari

A Review Of riste shayari

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हां मगर , जो इंसान आपके एक बार कहने पर आपको

छुपे-छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते,

नसीब में कुछ रिश्ते अधूरा ही लिखा होता है

एक बहन की देखभाल एक उपचारात्मक स्पर्श की तरह है,

बहनें एक दूसरे की विश्वासपात्र होती हैं,

जब भी हो थोड़ी फुरसत मन की बात कह दीजिये,

उन्हें केवल वो दो लोग समझ सकते हैं जो उन्हें जीवन भर साथ जीते हैं।

किसी को सच या झूठ नहीं दिखता, पैसों के आगे किसी को कुछ नहीं दिखता।

इसलिए उन्हें सब्र से संभालने की ज़रूरत होती है।

सभी के तलवे चाटूँ मैं ऐसा थोड़ी हूँ, सभी को पसंद आऊं मैं पैसा थोड़ी हूँ।

“कुछ को सौ में तो कुछ को हज़ारों में, इंसान और इंसानियत को बिकते देखा है, मैंने बाज़ारों में”

उन्हें riste shayari संभालने के लिए संवेदनशीलता, समझदारी और समर्थन की ज़रूरत होती है।

लेकिन जब हम उन रिश्तों को स्वीकार कर लेते हैं,

हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले

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